Wednesday 14 August 2019

15 August 2019



देश में बदलाव की एक लहर सी चल पड़ी है,
बदलाव अच्छा है समय समय पर मगर सबके लिए अच्छा बदलाव हो, इसकी किसको पड़ी है?

सबको चाहिए भी सबकुछ और ये के अभी मिल जाए, मुझे कल से क्या, कल की किसे पड़ी है

है मेरे मोहल्ले में भी मेरे जानने वाले, मगर जब उनका कुछ भला हो, वो कभी कभी मेरे लिए भी मुश्किल घड़ी है

फिर 15 अगस्त आया और सबको देखकर मैंने भी देशभक्ति के सागर में छलांग लगा दी
देश विकास के हित में मैं भी योगदान दूंगा
- भ्रष्टाचार, व्यभिचार, और साफ - सफाई पर ध्यान दूंगा

ये सब विचार थे ध्यान में और दो दो सिग्नल तोड़ डाले, तीसरे वाले पर पुलिस वाले ने कहा, चल अब गाड़ी इधर लगा ले,


साफ सफाई सिर्फ दिमाग की हुई उन विचारों से, क्योंकि इस घटना के बाद विचार तो दूर भाग खड़े हुए,
भ्रष्टाचार की बाद में सोचेंगे क्योंकि हम क्या हमारे नेता भी इस बीमारी से बचने में सफल नहीं हुए

और आज दफ्तर पहुंचने की जल्दबाजी में फिर से मैंने वो कूड़े की थैली उस बिजली के खंभे के नीचे ही चुपचाप से सरका दी,
ये सरकार बकवास और वो वाली अच्छी थी कुछ इस तरह की बातों का पकवान दोस्तों के साथ खाया, फेसबुक और ट्विटर पर कुछ बातों के खिलाफ कुछ शोर मचाया,

कल रात को कुछ ऐसे ही विचार लेकर मैं सो गया और आज जब घर से निकला तो . . .

दफ्तरों, सड़कों और वाहनों पर सजे तिरंगे और देशभक्ति के गीत मेरे मन में फिर से एक उम्मीद जगा गए, और वो ही देश हित के विचार फिर से मेरे मन में आ गए।

हालांकि अभी भी, किसी को पानी व्यर्थ बहाते देख गुस्सा होता है मुझमें,
लेकिन फिर भी टॉयलेट की बेहती टोंटी को मैं बन्द क्यूं करूं, वाली बात अभी भी है मुझमें

पूरे साल देशहित में कुछ ना कुछ करते रहने का इरादा है मेरा, मगर पता नहीं क्यूं राष्ट्रीय दिवस पर ही क्यूं देशप्रेम जागता है मेरा

अनेकता में एकता, वसुधैव कुटुंबकम् और अहिंसा ये कुछ बुनियाद हैं हमारे देश की

एक मैं हूं जो ये सिर्फ सोचता हूं और हैं कुछ ऐसे भी लोग जो इन ही विचारों और कर्तव्यों के साथ इस देश का उद्धार कर जाते हैं
मैं और आप... हम इनमें से किस कैटेगरी में आते हैं?

मैं देशभक्त हूं

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